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अयोध्या जाने का बना रहे हैं प्लान? इन जगहों को न करें मिस

उत्तर भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश में स्थित अयोध्या, इतिहास, पौराणिक कथाओं और आध्यात्मिकता से भरपूर एक शहर है। हिंदुओं द्वारा भगवान राम की जन्मस्थली के रूप में पूजनीय, अयोध्या का अत्यधिक सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व है। यह शहर मंदिरों, घाटों और ऐतिहासिक स्थलों से भरा हुआ है जो तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को समान रूप से आकर्षित करते हैं। इस व्यापक गाइड में, हम अयोध्या के सर्वोत्तम पर्यटन स्थलों का पता लगाएंगे, जो शहर की विरासत और आध्यात्मिकता की एक समृद्ध तस्वीर पेश करते हैं।

राम जन्मभूमि: पवित्र जन्मस्थान

राम जन्मभूमि, भगवान राम की पवित्र जन्मस्थली, धार्मिक उत्साह और सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक के रूप में खड़ी है। भक्ति और एकता का प्रतीक भव्य राम मंदिर इस पवित्र भूमि की शोभा बढ़ाता है।

हनुमान गढ़ी: एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित स्वर्ग

हनुमान गढ़ी, भगवान हनुमान को समर्पित एक मंदिर है, जो एक पहाड़ी के ऊपर भव्य रूप से स्थित है, जहां से अयोध्या का मनमोहक मनोरम दृश्य दिखाई देता है। मंदिर का 76 सीढ़ियों वाला मार्ग केवल चढ़ाई का साधन नहीं है; यह कला का एक काम है।

कनक भवन: स्वर्ण महल

तुलसी नगर में, राम जन्मभूमि के पास स्थित, कनक भवन, जिसे गोल्डन पैलेस के रूप में भी जाना जाता है, भक्ति और जटिल वास्तुकला का एक प्रमाण है। 1891 में निर्मित यह मंदिर भगवान राम और उनकी पत्नी देवी सीता को समर्पित है।

नागेश्वरनाथ मंदिर: एक पवित्र स्वर्ग

भगवान नागेश्वरनाथ को समर्पित नागेश्वरनाथ मंदिर, अयोध्या में थेरी बाज़ार के बगल में स्थित है, जो सदियों के इतिहास और भक्ति का प्रतीक है। पारंपरिक रूप से माना जाता है कि यह मंदिर भगवान राम के पुत्र कुश द्वारा स्थापित किया गया था, यह मंदिर महाशिवरात्रि और प्रदोष व्रत के दौरान कई भक्तों को आकर्षित करता है।

गुलाब बाड़ी: गुलाबों का बगीचा

गुलाब बाड़ी, जिसे गुलाब के बगीचे के रूप में भी जाना जाता है, मुगल वास्तुकला और हरी-भरी हरियाली के आकर्षक मिश्रण से वैदेही नगर पड़ोस की शोभा बढ़ाता है। फैजाबाद के तीसरे नवाब, नवाब शुजा-उद-दौला की कब्र पर स्थित, 18वीं सदी का यह स्मारक एक राष्ट्रीय खजाना है।

त्रेता के ठाकुर मंदिर: एक प्राचीन युग की गूँज

नया घाट के पास त्रेता के ठाकुर मंदिर, अपनी प्राचीन मूर्तियों और ऐतिहासिक महत्व के साथ आगंतुकों को समय की यात्रा पर ले जाता है। माना जाता है कि यह मंदिर 300 साल पहले क्षेत्र के राजा कुल्लू द्वारा बनवाया गया था, यह मंदिर उसी भूमि पर स्थित है जहां भगवान राम ने अश्वमेध यज्ञ किया था।

छोटी छावनी: विरासत गुफाओं की एक टेपेस्ट्री

छोटी छावनी, जिसे वाल्मिकी भवन के नाम से भी जाना जाता है, अपनी 34 विरासत गुफाओं के साथ एक शानदार वास्तुशिल्प चमत्कार के रूप में खड़ा है। बौद्ध, हिंदू और जैन वर्गों में विभाजित, यह स्थल प्राचीन भारतीय सभ्यताओं की जटिल सुंदरता को प्रदर्शित करता है।

तुलसी स्मारक भवन: गोस्वामी तुलसीदास की विरासत

संत-कवि गोस्वामी तुलसीदास के सम्मान में निर्मित तुलसी स्मारक भवन एक सांस्कृतिक केंद्र और अनुसंधान केंद्र के रूप में खड़ा है। राष्ट्रीय राजमार्ग के पूर्वी छोर पर स्थित यह स्मारक अयोध्या की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत से संबंधित साहित्य का समृद्ध भंडार समेटे हुए है।

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