Hyper Parenting: कुछ माता-पिता अपने बच्चों पर बहुत अधिक नियंत्रण रखते हैं। हर छोटी-बड़ी बात पर उन्हें ज्यादा समझाने की कोशिश करते है। लेकिन बार-बार ऐसा करने से इसका असर बच्चे के स्वभाव पर दिखने लगता है। इससे माता-पिता और बच्चे के रिश्ते पर असर पड़ सकता है। बच्चों में अपने माता-पिता के प्रति नकारात्मकता विकसित हो जाती है।
कई बार ये सभी चीजें बच्चे के आत्मसम्मान और दूसरों के साथ अच्छे रिश्ते बनाने की क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। आजकल एक ऐसा ही पेरेंटिंग स्टाइल काफी चर्चा में है, जिसे हाइपर पेरेंटिंग के नाम से जाना जाता है। आइये इसके बारे में जाने
हाइपर पेरेंटिंग क्या है
दरअसल, यह एक तरह की पेरेंटिंग स्टाइल है। जिसमें माता-पिता अपने बच्चों की हर गलती और समस्या का समाधान करने की कोशिश करते हैं। जो माता-पिता इस प्रकार के पालन-पोषण से प्रभावित होते हैं, वे चाहते हैं कि उनके बच्चे हर प्रयास में सर्वश्रेष्ठ बनें। लेकिन इस प्रकार के पालन-पोषण में माता-पिता अपने बच्चों की किसी भी प्रकार की गलती को स्वीकार नहीं करते हैं।
कैसे करता है बच्चों को प्रभावित
इसका असर बच्चों पर पूरी तरह देखने को मिलता है. स्वयं निर्णय लेने की क्षमता विकसित नहीं हो पाती है। कई बार माता-पिता अपने बच्चों की गलतियों को स्वीकार नहीं करते हैं, जिसके कारण बच्चे भी समझ नहीं पाते हैं। आइए जानते हैं बच्चों पर इसके असर के बारे में
तनाव: अगर आप अपने बच्चों पर हर बात के लिए दबाव डालते हैं तो इसका असर बच्चे के दिमाग पर पड़ता है। इस प्रकार के पालन-पोषण में बड़े होने वाले बच्चे तनावपूर्ण जीवन जीते हैं।
माता-पिता को दुश्मन मानना: इस पालन-पोषण शैली से बच्चे हमेशा अपने माता-पिता को दुश्मन मानते हैं। यह प्रवृत्ति जारी रहती है और समय के साथ वे अपने माता-पिता से भी नफरत करने लगते हैं। इसके अलावा हाइपर पेरेंटिंग के कारण बच्चा हमेशा डरा हुआ रहता है।