Parenting Tips: बेटे और बेटी के पालन-पोषण के तरीके में बहुत अंतर होता है। जो बातें लड़कियों को सिखाई जाती हैं, जरूरी नहीं कि वे लड़कों को भी सिखाई जाएं। माता-पिता को अपने बेटों के पालन-पोषण पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है ताकि वे बड़े होकर महिलाओं का सम्मान करें और उन्हें अपने बराबर समझें। जब आप अपने बेटे की अच्छी परवरिश करते हैं, तो इससे उसे मजबूत रिश्ते बनाने में मदद मिलती है और उसके जीवन में शांति आती है।
अगर आप भी अपने बेटे को सज्जन बनाना चाहते हैं तो इस लेख में आप उसकी परवरिश के कुछ खास और असरदार तरीकों के बारे में जान सकते हैं।
पहले खुद उदाहरण पेश करें
माता-पिता अपने बच्चों के पहले शिक्षक और सबसे शक्तिशाली रोल मॉडल होते हैं। आप अपने बच्चे में जो भी गुण विकसित करना चाहते हैं, उसे पहले अपने अंदर लाएं। बच्चे के प्रति दया दिखाएं और दूसरों से बात करते समय उसका सम्मान करें। चाहे दरवाज़ा खोलना हो या प्यार से बातें करना, आपका बच्चा भी आपको देखकर ही ये सब सीखेगा।
दूसरों का सम्मान करना
अपने बच्चे में दूसरों का सम्मान करने की भावना विकसित करें। उसे बताएं कि उम्र, जेंडर या उसके बैकग्राउंड के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। उसे सहानुभूति सिखाएं और दूसरे व्यक्ति के पहलू को समझने का प्रयास करें। बच्चे को थैंक्यू और प्लीज जैसे शब्द बोलना सिखाएं। उसे सभी के साथ सहानुभूति और सम्मान से पेश आना सिखाएं।
शिष्टाचार पर ध्यान दें
आपको बच्चे को विभिन्न सामाजिक परिस्थितियों में अच्छी आदतों के महत्व के बारे में बताना चाहिए। उसे समय का पाबंद बनाएं, जब आप दूसरों से मिलें तो उससे नजरें मिलाने और हाथ मिलाने को कहें। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होगा, उसे इन चीज़ों का महत्व समझ आएगा और उसे इसका लाभ भी मिलेगा।
जिम्मेदार बनाओ
अपने बच्चे को उसकी उम्र के अनुसार कुछ काम देकर उसे जिम्मेदार बनाने का प्रयास करें। अपने बच्चे को अपना सामान सुरक्षित रखना, उसका बिस्तर बनाना और घर के कामों में हाथ बंटाना सिखाएं। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होगा उसकी जिम्मेदारियां बढ़ती जाएंगी। बच्चों में छोटी उम्र से ही जिम्मेदारी की भावना पैदा करना बहुत जरूरी है।
भावनात्मक रूप से मजबूत करें
आपको अपने बच्चे को भावनाओं को ठीक से समझना और प्रबंधित करना सिखाना चाहिए। उसे बताएं कि दूसरों के प्रति सहानुभूति रखने से आपको ताकत मिलती है और यह आपकी कमजोरी नहीं है। आपको बच्चे को अपनी भावनाओं को खुलकर व्यक्त करने की आजादी देनी चाहिए और उसे बताना चाहिए कि उसे भावनात्मक स्तर पर कब और कैसे प्रतिक्रिया देनी चाहिए।
इसके अलावा आपको अपने बच्चे में अनुशासन का गुण भी पैदा करना चाहिए और उसे समय का पाबंद बनाने का प्रयास करना चाहिए। यकीन मानिए इन गुणों को हासिल करने के बाद आपका बेटा जरूर एक सज्जन व्यक्ति बन जाएगा।