Effective Parenting Tips: बच्चों Children की सभी इच्छाओं और जिंदगी के सही रास्ते पर चलने के लिए हर पेरेंट्स अपना 100 प्रतिशत देते हैं। हर मां-बाप Parents की ख्वाहिश होती है कि उनका बच्चा बड़ा होकर एक अच्छा इंसान बने। इसके लिए पेरेंट्स उन्हें हर समय सपोर्ट करते हैं। लेकिन कई बार पेरेंट्स कुछ ऐसी चीजें अनजाने या फन के तौर पर बच्चे को बोलते हैं, जो कहीं न कहीं बच्चे को बहुत हर्ट करती हैं और उनके आत्मविश्वास को ठेस पहुंचती है। ऐसे में आज इस लेख में आपको कुछ ऐसी महत्त्वपूर्ण बातें या टिप्स (Effective Parenting Tips) बताएं जाएंगे, जिसे आपको भूलकर भी अपने बच्चों के साथ नहीं करना है।
दूसरों से न करें कम्पेयर
हर मां-बाप अपने बच्चे का भला चाहते हैं। लेकिन कई बार वह ऐसी चीजें करते हैं जिसे उनके बच्चों पर गहरा असर पड़ता है। खासतौर से जब पेरेंट्स अपने बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों के साथ करते हैं। उन्हें इस बात से बहुत बुरा लगता है। पेरेंट्स को यह बात समझनी चाहिए कि हर एक बच्चा दूसरे बच्चे से अलग होता हैं। आपकी दो बच्चों से एक जैसी उम्मीद रखना गलत है। बार -बार इस तरह की तुलना करने से बच्चा खुलकर अपने इमोशन्स अपने पेरेंट्स के साथ भी शेयर नहीं कर पाता है। और कहीं न कहीं अपने आपको अकेला सा महसूस फील करता है।
हर बात पर न टोके
ऐसा मत करो, मार खाओगे, मैंने मना किया हैं न। आपने इस तरह की स्टेटमेंट को अक्सर पेरेंट्स के मुंह से बच्चों के लिए सुना होगा। सही बात पर बच्चों को मना करना और टोकना गुड पेरेंटिंग है। लेकिन यदि आप अपने बच्चों को उसके द्वारा करने वाले हर काम पर टोकते हो तो , बच्चा एक समय के बाद चिड़चिड़ा होने लगता है। उसे गुस्सा आने लगता है। वह किसी भी तरह के काम को करने में रुचि भी नहीं दिखाता हैं। जिस कारण से बढ़ते -बढ़ते बच्चों में कॉन्फिडेंस की कमी होने लगती हैं।
बच्चों की बातों को इग्नोर न करें
हर पेरेंट्स का फर्ज होता है कि वह अपने बच्चों की सभी बातों को सुनें। उसके साथ एक फ्रेंडली बोंड शेयर करें। इसे बच्चा और पेरेंट्स दोनों का रिश्ता मजबूत होता हैं लेकिन की पेरेंट्स केवल अपनी बात को बच्चों के ऊपर एक ऑर्डर की तरह थोप देते हैं। जिस कारण बच्चों को न चाहते हुए भी अपने पेरेंट्स की बात सुननी पड़ती हैं। इसके साथ ही बच्चों के विचारों और इमोशन्स की बिल्कुल भी कद्र नहीं करते हैं। इसे बच्चों में सेल्फ डाउट आने लगता है।
गुस्सा न करें
पेरेंट्स को अपने बच्चों पर गुस्सा नहीं करना चाहिए। यदि कोई बात समझनी है तो प्यार और समझदारी के साथ समझाएं। कई पेरेंट्स तो गुस्से के दौरान बच्चों पर हाथ भी उठा देते हैं जो कि बिल्कुल भी गुड पेरेंटिंग का पार्ट नहीं हैं। कुछ भी बात होने पर डांटना, गुस्सा करना गलत हैं। इसे बच्चा डर और सहम जाता है। जिसे आगे जाकर बच्चों की पर्सनेलिटी पर काफी असर पड़ता है।
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