Side Effect Of Gym At Young Age: आज के दौर में जीवनशैली बहुत तेजी से बदल रही है। खासकर युवा पीढ़ी में फिट और अच्छी बॉडी पाने का क्रेज है। लड़के जिम जाकर बॉडी बिल्डिंग और सिक्स पैक एब्स बनाने में लग जाते हैं। वहीं लड़कियां जीरो फिगर और स्लिम बॉडी पाने के लिए हैवी वर्कआउट भी करती हैं। ऐसे में वे अपनी बॉडी बनाने के लिए बहुत जल्दी जिम जाना शुरू कर देते हैं, जो एक गलती हो सकती है। कम उम्र में जिम शुरू करना सेहत के लिए बेहद हानिकारक है। आइये जानते हैं कैसे?
जानिए क्यों आपको कम उम्र में जिम नहीं करना चाहिए
शरीर को विकसित और मजबूत बनाने के लिए व्यायाम और कसरत बहुत जरूरी है। लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि 15-17 साल की उम्र यानी किशोरावस्था में हैवी वर्कआउट नहीं करना चाहिए। इस उम्र में शरीर और मांसपेशियों का विकास अभी तक पूरा नहीं हो पाता है। इसलिए, भारी वजन के साथ वर्कआउट करने से मांसपेशियों और हड्डियों को नुकसान हो सकता है। 18-20 साल की उम्र के बाद ही इंटेंस वर्कआउट करने की सलाह दी जाती है।
जिम नहीं खेल पर ध्यान दें
बचपन में शरीर का विकास होता है और हड्डियाँ मजबूत होती हैं। इस समय बच्चों को स्वाभाविक रूप से खेलना-कूदना चाहिए। घर से बाहर दोस्तों के साथ क्रिकेट, फुटबॉल जैसे खेल खेलें। पार्क में दौड़ें, कूदें, चढ़ें। ये सभी शारीरिक गतिविधियां युवाओं के लिए बहुत फायदेमंद हैं। लेकिन 14-15 साल की उम्र में बच्चों को जिम भेजना सही नहीं है। जिम में भारी व्यायाम से बच्चों की मांसपेशियों में चोट लग सकती है। जो विकास के लिए ठीक नहीं है। कम उम्र में हर किसी के लिए, चाहे लड़का हो या लड़की, सबसे अच्छा व्यायाम योग और साइकिल चलाना है। योग से शरीर का लचीलापन बढ़ता है और मानसिक तनाव कम होता है। साइकिल चलाने से मांसपेशियां मजबूत होंगी और कार्डियोवस्कुलर फिटनेस बढ़ेगी। तैराकी भी एक बहुत अच्छा विकल्प है।
किस उम्र में जिम ज्वाइन किया जा सकता है?
कम से कम 18-20 साल की उम्र तक इंतजार करने की सलाह देते हैं। क्योंकि इस उम्र तक शरीर का विकास पूर्ण हो चुका होता है। इससे पहले गंभीर वर्कआउट करने से मांसपेशियों और हड्डियों को नुकसान हो सकता है। 18 साल की उम्र के बाद जिम ज्वाइन करके फिटनेस लेवल बढ़ाया जा सकता है।